Dairy Farming Loan Yojana 2024: Eligibility, Benefits, Important Documents and Status check

आज हम बात करेंगे एक महत्वपूर्ण योजना के बारे में – भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘Dairy Farming Loan Yojana 2024’ के बारे में। इस योजना के अंतर्गत, सरकार देशभर में डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को सस्ते ब्याज दर पर लोन प्रदान कर रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खुद का डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। यह योजना देश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद कर रही है।

What is Dairy Farming Loan Yojana ?

नेशनल बैंक फॉर एग्रिकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (National Bank for Agriculture and Rural Development) द्वारा देश भर में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस बैंक के माध्यम से पशुपालकों को आसान ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे देश में पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा मिल रहा है।

Dairy Farming Loan Yojana के तहत सरकार यह सुनिश्चित करती है कि दूध उत्पादक पशुपालकों को हर तरह की मदद मिल सके, ताकि वे ज्यादा दूध उत्पादन कर सकें। भारत में दूध का कारोबार एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है और इसे बढ़ाने के लिए धवल क्रांति अभियान भी शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत दूध उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश की गई थी।

धवल क्रांति अभियान के माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि वे ज्यादा दूध उत्पादन कर सकें। भारत दूध उत्पादन में एक प्रमुख देश है, जहां देसी और जर्सी गायों से दूध मिलता है और इसे दूसरे देशों में भी निर्यात किया जाता है।

कृषि के साथ-साथ दूध उत्पादन भी भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसी को ध्यान में रखते हुए, नाबार्ड द्वारा डेयरी फार्मिंग के लिए लोन उपलब्ध कराया जाता है। इस लोन का उपयोग पशुओं को खरीदने, उन्हें पालने और उनका रखरखाव करने के लिए किया जा सकता है।

पशुपालक नाबार्ड योजना के तहत लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं और इस राशि का इस्तेमाल दूध उत्पादन के लिए कर सकते हैं।

Dairy Farming Loan Yojana Objective

डेयरी फार्मिंग लोन योजना देश में तब शुरू की गई थी जब कोरोनावायरस के कारण किसानों और पशुपालकों की समस्याएं बढ़ गई थीं। इस योजना के तहत सरकार ने 30,000 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई थी ताकि किसानों और पशुपालकों को फिर से स्थिर किया जा सके।

अब तक इस योजना के तहत 90,000 करोड़ रुपए का लोन पशुपालकों को दिया जा चुका है। यह लोन नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) द्वारा प्रदान किया जाता है, जिससे पशुपालक अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। देश में कई पशुपालक दुधारू पशुओं को पालकर दूध से अपनी आय अर्जित कर रहे हैं। भारत में दूध की भारी मांग है, और हम काफी मात्रा में दूध अन्य देशों को निर्यात भी करते हैं।

इसलिए, दूध उत्पादन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को आर्थिक मदद की जरूरत होती है। दूध से बनने वाले उत्पादों की भी बाजार में अच्छी मांग है। सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि इस योजना के जरिए पशुपालकों को स्वरोजगार के अवसर मिलें और वे अपना खुद का डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकें।

Benefits of Dairy Farming Loan Yojana

दुग्ध पालन लोन योजना के तहत पशुपालकों को कई फायदे मिलते हैं:

  1. लोन की सुविधा: इस योजना के तहत पशुपालकों को डेयरी फार्म स्थापित करने के लिए 10 लाख से 40 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है।
  2. ब्याज सब्सिडी: योजना के तहत पशुपालकों को 7% से 12% तक ब्याज सब्सिडी मिलती है।
  3. लचीली अवधि: लाभार्थियों को लोन चुकाने के लिए लचीली अवधि भी उपलब्ध कराई जाती है।
  4. ब्याज माफी: कई बार ब्याज माफ भी कर दिया जाता है।
  5. प्रोत्साहन: इस योजना के तहत पशुपालकों को खुद का डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  6. उत्पादन वृद्धि: योजना से पूरे देश में डेयरी उत्पादन में वृद्धि हो रही है, जिससे दूध की मांग देश और विदेश में पूरी हो रही है।
  7. ट्रेनिंग: पशुपालकों को उपयुक्त ट्रेनिंग दी जाती है।
  8. सहायता: दुधारू पशुओं को पालने और उनका पोषण युक्त चारा उपलब्ध कराने में सहायता मिलती है।
  9. अतिरिक्त सहायता: पशुपालकों को अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की जाती है।
  10. गारंटी मुक्त लोन: लोन लेने के लिए पशुपालकों को किसी प्रकार की गारंटी नहीं देनी पड़ती।

इस प्रकार, दुग्ध पालन लोन योजना से पशुपालकों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने और अधिक लाभ कमाने में मदद मिलती है।

Dairy Farming Loan Yojana Eligibility

डेयरी फार्मिंग लोन योजना के अंतर्गत निम्नलिखित पात्रता मापदंड तय किए गए हैं:

  1. इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले के पास डेयरी फार्म के लिए उपयुक्त जमीन होनी चाहिए।
  2. आवेदक की उम्र 18 वर्ष से अधिक और 65 वर्ष से कम होनी चाहिए।
  3. आवेदन करने वाले के पास चारागाह के लिए पर्याप्त भूमि होनी चाहिए।
  4. अगर पशुपालक किराए पर भूमि लेकर पशुपालन करना चाहता है, तो उसके पास सभी जरूरी दस्तावेज और एनओसी होनी चाहिए।
  5. आवेदक को संपूर्ण बिजनेस प्लान का प्रोटोटाइप पेश करना होता है।
  6. आवेदक को बैंक के सामने व्यावसायिक योजना बनाकर पेश करनी होती है, ताकि बैंक लोन की व्यवस्था कर सके।
  7. आवेदक का बैंक रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए।
  8. आवेदक के पास आय के स्रोत होने चाहिए, ताकि वह भविष्य में लोन चुका सके।
  9. आवेदक का क्रेडिट स्कोर बेहतर होना चाहिए।
  10. आवेदक के पास संपूर्ण केवाईसी दस्तावेज होने चाहिए।
  11. आवेदक को दुग्ध उत्पादन व्यवसाय से संबंधित प्रशिक्षण होना चाहिए।
  12. आवेदक को दुधारू पशुओं को संभालने के लिए ट्रेनिंग होनी चाहिए।
  13. आवेदक को पशुओं के पोषण और रखरखाव के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
  14. अगर आवेदक दुग्ध उत्पादन मशीनों का सेटअप लगाना चाहता है, तो उसे इन मशीनों को चलाने का ज्ञान होना चाहिए।
  15. आवेदक को दुग्ध के कोल्ड स्टोरेज का भी पूरा ज्ञान होना चाहिए, अगर वह इस व्यवसाय में आगे बढ़ना चाहता है।

Dairy Farming Loan Yojana Documents

Dairy Farming Loan Yojana के अंतर्गत आवेदक को निम्नलिखित दस्तावेज़ संलग्न करने होते हैं:

  • पहचान प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • भूमि के सभी दस्तावेज़
  • योजना का संपूर्ण विवरण
  • पिछले लोन का विवरण (अगर कोई लिया गया है)
  • बिजनेस प्रोटोटाइप

Dairy Farming Loan Yojana Online Apply

ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने के लिए आवेदक को निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होता है:

  1. सबसे पहले नाबार्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. वहां से लोन की पूरी जानकारी प्राप्त करें।
  3. इसके बाद, जिस बैंक से लोन लेना है, उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  4. होम पेज पर लोन के विकल्प पर क्लिक करें।
  5. नाबार्ड लोन के विकल्प पर क्लिक करके आवेदन फॉर्म सावधानीपूर्वक भरें।
  6. मांगे गए सभी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।
  7. सभी दस्तावेज अपलोड करने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें।

इस प्रकार, आवेदक विभिन्न बैंक शाखाओं से नाबार्ड लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

Dairy Farming Loan Yojana Selection Process

  • डेयरी फार्मिंग लोन योजना के अंतर्गत, सबसे पहले आवेदन को बैंक अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाता है। इस दौरान आवेदक की आर्थिक स्थिति, लोन के प्रकार और बिजनेस प्लान की पूरी समीक्षा की जाती है और सारी बातों को ध्यान में रखते हुए बैंक प्रोसेसिंग शुरू करता है।
  • लोन प्रोसेसिंग शुरू होने के बाद, आवेदक को ब्याज दर और सब्सिडी की पूरी जानकारी दी जाती है। अगर आवेदक इस लोन के लिए तैयार है, तो लोन को अप्रूव कर, लोन राशि उसके खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
  • लेकिन, अगर बैंक को लगता है कि आवेदक यह व्यवसाय नहीं कर पाएगा या किसी प्रकार की गलत जानकारी पाई जाती है, तो बैंक लोन को रिजेक्ट भी कर सकता है।

Leave a Comment